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एक कडवा सत्य ओर आप सच का साथ अवस्य देगे

कुछ मुदे जनहित के
कुछ मुदे जनहित के
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एक सत्य ओर आप सच का साथ अवस्य देगे
सबसे पहले नाम धारीयो का एक पंथ शुरु हुवा था राधा स्वामी सतसंघ बयास पंथ जो आज भी हे और उस की कुछ मर्यादाये भी देखने मे आती हे / इसकी शुरुवात से अब तक कोई विवाद या ढकोसला देखने मे नही आया इस डेरे का रुल भी शख्त हे / इसी पंथ से ,जय गुरु देव, सत साहिब व ओर कई पंथ निकले जिनमे से धनधन सतगुरु डेरा सच्चा सोदा सिरसा भी एक हे इस मे भी कई गुरु हुवे / मस्ताना जी तक इस डेरे ने अपनी गरीमा को बरकरा रखते हुवे अपने पुराने पंथ की तरह काम किया लेकिन उन के बाद यह डेरा विवादो का कारण व दिखावो व ढकोसलो का अड्डा सा बना नजर आने लगा / इसी का हिसार के गाव गगवा मे भी एक डेरा हे जो चोधर की लडाई ओर इस पर अधिकार को लेकर हुवे झगडे के कारण विवादो मे नजर आया ओर उस के बाद तो विवादो ने जेसे थमने का नाम ही नही लिया / धनधन सतगुरु डेरा सच्चा सोदा सिरसा के विवादो के चलते जगमाल वाली डेरा अलग हो गया जो की अपने पुराने पंथ राधा सवामी के नकशे कदम पर आज भी चल रहा हे इस डेरे के बाबा जी की सादगी देखते ही बनती हे / लेकिन सिरसा डेरे के गुरु जी बदने के साथ ही इस की रुप रेखा, बनावट, सवरुप, सिक्षा, दिक्षा सब कुछ बदल गया विवाद शुरु हो गये / गुरु का रंग रुप बदल गया पत्रकार छत्रपती की हत्या व बाबाओ को नपुंसक करने के व कई अन्य प्रकार के आरोप इस डेरे पर लगे / लोगो को नाम दान देकर नेकी की राह दिखाने वाले गुरु सव्य कोर्ट की तारिखे भुगत रहे हे / बाबाओ को क्या डर कया भय लेकिन इनहे तो अंगरक्षको के साथ यात्रा के लिये भी जेड सिक्योर्टी के साथ काफ़ीले की जरुरत पड गई / डेरे मे फ़ेकटरीया लग गई बहार का प्रसाद व अन्य सामन बंद करवाकर सब कुछ यही शुरु करवा दिया गया/ इस डेरे के गुरु की टि. वी. चेनलो पर सतसंग आते हे मेने मेरे एक नामधारी मित्र के कहने पर मेने भी देखा लेकिन इस मे तो सिक्षा का ज्ञान धयान कम फ़ुकरा पंथी को बडावा जयादा नजर आया / बाबो को मोहमाया से दुर हो कर सादे लिबास मे प्रचार करते देखा ओर सुना था मगर इस मे तो पहली बार किसी बाबे को पानी मे मोटर बोट पर मोटर साईकल पर खेल के मेदान मे खेलते हुवे फ़ुकरे अंदाज मे निकर (कच्छे) मे देखा आज तक मुझे समझ नही आया की ये कोन सा ज्ञान धयान हे जो इन के बाब जी इस रुप मे देना चाह रहे हे /कया यही मंशा थी इस पंथ को चलाने वालो की कया यही संदेश जनता को सतगुरु से मिलायेगा / अब तो इस डेरे मे राजनेतिक शेल का भी गठन हो गया हे जो सिध करता हे की इस की मंशा शुरु से ही कया थी सिर्फ़ जनता का जनाधार बनाना ओर कुछ नही/ अब इस डेरे की फ़िलम बन कर आई हे जो रिलिज होने वाली हे कया बाबो को सोभा देता हे की वो फ़िलमो मे एक हिरो बन कर इस तरह के सिन करे जो आने वाले समय मे लोगो के प्राणो का संकट बन जाये बाबा जी अपनी मोटर साईकिल तेज रफ़तार ट्र्क के आगे से निकालते हुवे ऎकसन दिखाते अगर उन के प्रेमियो ने इसे अपनाया तो आप समझ ही सकते हे कया होगा / इस की जगह वो कोइ प्रवचनो की सिडी रिलिज करते तो कितना बेहतर होता युवाओ के लिये समाज के लिये / अगर फ़िलम बनानी ही थी तो ये फ़ुकरा पना ये सटंण्ट कयो यह तो हम आये दिन नोजवान पिडी को करते देखते ही रहते हे उन्हे समझाने के लिये अच्छी राह दिखाने के लिये या समाजिक कुरितियो को दुर करने के लिये सत्यजित रे जेसी फ़िलम कयो नही बनाई गई जिसे लोग पंसद भी करते ओर इस बाबे की प्रंससा भी करते / सायद बाबा जी को इस फ़िल्म के जरिये अपनी झुठी सक्तियो का दिखावा करना था लोगो मे अपने को महान बनता दिखाना था/ बाबा का तो ये काम नही होता उन्हे लोगो को अच्छी राह दिखानी चहिये ओर जब इंनसान अपने मन को मारले,अपनी काम इच्छा पर कटरोल करले, सवार्थ को छोड दे तो उसे इस तरह के दिखाओ की जरुरत ही नही पडेगी ओर वो अपने आप ही महान बन जायेगा/
आप लोग सोच रहे होगे मे किसी पंथ से हुं इस लिये इस डेरे की बुराई के लिये ये लेख लिखा हे तो मे आप लोगो को बता देना चहाता हुं की मे केवल एक इंनसान हुं एक भारतीये हुं व एक हरियाणवी हुं ओर मुझे गर्व हे की मे किसी ऎसे संस्थान से जुडा हुवा नही हुं जो मात्र दिखावे के लिये जनता की भावनाओ से खिलवाड करते हे/ में सिर्फ़ बाला जी को मानता हुं उन का भगत हुं ओर इस धरती पर भगवान के भेजे गये गाय, पशुओ, पेड पोधो, जिव जंन्तुओ, पहाड नदी नालो को भगवान मानता हुं जो हमारे जिवन रक्षक हे ओर इंनसानो को मानता हुं जिसे भगवान ने इस धरती पर सब से श्रेषठ बना कर भेजा हे आगे आप लोगो की मर्जी हे की आप लोगो को भगवान कहा डुढंना हे /
अगर मेरे किसी भाई को लेख पंसद ना आये तो ये ऊस की इच्छा पर निरभर करता हे हम किसी पर अपनी इच्छा नही थोप सकते बाकी भाईयो से मेरा निवेदन हे की इसे शेयर व लाईक जरुर करे कयोकी आप उस देश के वाशी हे जहा गंगा बहती हे

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