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आज कल सरकार दवारा निरमल गाव के तहत हर गाव के घर घर सुलभ सोचालय बनाने का अभियाण जोर शोर से चलाया रहा हे और देखा जाये तो देस को पोलियॊ से मुक्त बनाने के लिये यह बिलकुल सही कदम भी हे ओर जरुरी भी / क्योकी खुले मे सोच जाने से व इन पर मखियो के बेठती और वो मखियो आकर खाने पिने की वस्तुवो पर बेठती जीस से पोलियो फ़ेल्ता हे और देस को पोलियॊ से मुक्त बनाने के लिये निरंतर अभियाण चलाये जा रहे हे / इसी योजना के तह्त सरकार हर गाव मे घर घर सुलभ सोचालय बनाने का अभियाण जोर शोर से चला रही हे लेकीन इस योजना को लागु करने मे बरती जा रही लापरवाहियो ओर खामियॊ के चलते ये सकिम सिरे नही चड पा रही हे ओर इस सकिम के तह्त बहुत से लोग अनुदान लेकर डकार जाते हे ओर उन घरॊ की महीलाओ ओर अन्य सदस्यो को मजबुरी वंश न चहाते हुवे भी खुले मे सोच करने के जाना पडता हे / इस सकिम के परचार ओर परसार पर सरकार लाखो रुपये लगाती हे नित नये नये जागरुकता अभियाण चलाती हे/ इन लोगो को घरो मे सुल्भ सोचालय बनवाने के लिये उन के बेक खाता नमबर ओर राशन कार्ड की फ़ोटो पर्ती लेकर इसे बनाने मे खर्च होने वाला रुपया इन लोगो के बेक खातो मे जमा करवा कर पल्ला झाड लेती हे/इस के बाद इस गाव को निर्मल गाव घोषित कर दिया जाता हे ओर इस बात की जाच को जरुरी नही समझा जाता की उस व्क्ती ने घर मे सोचाल्य बनवाया भी हे या नही / आज तक अधिक्तर गावॊ मे सरकार दवारा इस सकिम का लाभ कई बार दिया जा चुका हे मगर वहा के इन लाभार्थियो को खुले मे सोच करने जाते हुवे देखा जा सकता हे और उन के घरो में सोचालय भी बनाये हुवे नही मिलेगे / में सरकार से अनुरोध करता हुँ की वो हर गाव के घरो में टीम को भेज कर जाँच करवाये और सभी लाभार्थियो से सपथ पत्र ले तभी इस स्कीम को सही मायनो में सफलता मिलेगी / साथ ही में सभी ग्राम वासियो से भी अनुरोध करता हुँ की अपने अपने गाव को निर्मल बनाने मे सहयोग दे चाहे अनुदान मिले या ना मिले अपने अपने घरो में सोचालय बनवा कर अपनी बहु बेटियो को मान समान बढ़ाये और हर गांव की माताओ और बहनों से अनुरोध हे की वो अपने परिवारो के मुखियाओ से वचन ले की घर में तो सोचालय बनवायेगे ही साथ ही दुसरो को भी इसके लिए प्रेरित करेगे /
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